नमस्कार मित्रो हम आपको अभिलेख क्या है इसके बारे में बताने वाले है व अभिलेख की परिभाषा क्या है इसका इस्तमाल किसलिए किया जाता था और अभिलेख किस उद्देश्य से लिखे जाते थे इन सब के बारे में हम आज आपको बता रहे है इसकी जानकारी के लिए आप हमारा यह आर्टिकल ध्यान से पढ़े ताकि आपको इससे जुडी जानकारी प्राप्त हो सके.

abhilekh kya hai

अक्सर कई लोगो के मन में abhilekh kya hai इससे जुड़े सवाल आते है व प्राचीन काल के राजा महाराजाओ के द्वारा अभिलेख लिखवाये जाते थे जिससे की किसी भी जानकारी को सदियों तक जीवित रखा जा सके और उनके द्वारा लिखी गयी लिपि लम्बे समय तक ख़राब न हो व अगर आपको अभिलेख के बारे में अधिक जानकारी नहीं है तो यह जानकारी आपके लिए बेहद ही उपयोगी हो सकती है.

अभिलेख क्या है

प्राचीन काल में अभिलेख को बहुत ही महत्त्व दिया जाता था व राजा महाराजाओ द्वारा कई प्रकार के अभिलेख लिखे जाते थे अभिलेख का इस्तमाल किसी भी जानकारी आदि को लम्बे समय तक सुरक्षित रहने के उद्देश्य से किया जाता था व आपको कई हाल में भी कई प्रकार के प्राचीन अभिलेख देखने को मिल जाते है जिससे की हमे प्राचीन काल की जानकारी प्राप्त होती है.

जो कठोर धातु या पत्थर आदि पर लिखे जाते है उन्हें अभिलेख कहा जाता है व अब तक जितने भी अभिलेख लिखे गए है वो सभी किसी न किसी कठोर पत्थर आदि पर ही लिखे गए है व कोमल वस्तु पर अगर कुछ भी लिखा जाता है तो वो अभिलेख नहीं माना जाता वो हस्तलेख माना जाता है और किसी बर्तन या वस्तु और दीवार आदि में कुछ भी लेख लिखा जाता है तो वो भी अभिलेख माना जायेगा.

अभिलेख लिखने का उद्देश्य क्या था

अभिलेख लिखने के कई मुख्य उद्देश्य थे जिसके कारण अभिलेख लिखे जाते थे व पुराने जमाने में लोगो और किसी राजाओ के द्वारा अपने अस्तित्व को बनाए रखने और किसी भी जानकारी को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लिखे जाते थे व आपको हाल में संग्रहालय आदि में कई तरह के पुराने  अभिलेख आदि देखने को मिल जायेगे व सामान्यत आपको मंदिर आदि में बहुत ही आसानी से अभिलेख देखने को मिल जाते थे.

हाल में कई अभिलेख सरकार को प्राप्त हुए है जिससे की प्राचीन काल और वहां के लोगो के रहन सहन और इससे जुडी जानकारी प्राप्त होती है और यूनान के अभिलेख लिखने के लिए मुख्यत संगमरमर का उपयोग होता था परन्तु संगमरमर पर कुछ भी लिखा जाता था वो धीरे धीरे फीका पड़ने लग जाता था जिससे कई अभिलेख पढ़ने में काफी  मुश्किल होती है.

भारत में अधिकांश लोग ताम्रपत्र पर अभिलेख लिखते है व यह अभिलेख छैनी, हथोड़ा या किसी भी प्रकार की नुकीली वस्तु आदि से लिखी जाती है व यह हर व्यक्ति के लिखना आसान नहीं था इसको लिखने के लिए विशेष कारीगर होते थे जिनको रूपकार, शिल्पकार या शिलाकुट आदि जैसे अलग अगल दर्जे प्रदान  किये गए थे.

अभिलेख की परिभाषा

भारत में अब तक जितने भी अभिलेख प्राप्त हुए है उनमे से सबसे पुराने अभिलेख मौर्य सम्राट अशोक के थे व सम्राट अशोक के अभिलेखों को प्राकृत भाषा में लिखा गया था व इनकी लिपि की बात करें तो इसकी लिपि ब्राह्मी व खरोष्ठी है इनमे से भी सम्राट अशोक के अधिकांश शिलालेख ब्राह्मी लिपि में लिखे गए थे व ब्राह्मी हमेशा ही बाए और से दाए और लिखी जाती है वही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और यूनान आदि की बात करें तो ये हमेशा आरमाइक लिपि में लिखे जाए है.

अभिलेख के प्रकार

अभी तक जितने अभिलेख मिले है उनके आधार पर अभिलेखों को दो भागो में बांटा गया है पहला तो निजी अभिलेख और दूसरा सरकारी अभिलेख

निजी अभिलेख – यह किसी व्यक्ति के द्वारा किसी विशेष जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए इस्तमाल किया जाता है व वैष्णव धर्म में सबसे प्राचीन निजी अभिलेख मिले है

सरकारी अभिलेख – यह किसी शाशक के द्वारा अपनी प्रजा या अपने क्षेत्र के लोगो को किसी भी प्रकार की जानकारी या जनसूचना  प्रदान करने के लिए सरकारी अभिलेख का इस्तामल किया जाता था व यह किसी  सार्वजनिक स्थान जैसे पवित्र स्थान, भीड़भाड़ वाले स्थान या बाजार आदि स्थानों पर लगाए जाते थे

Calculation – इस आर्टिकल में हमने आपको अभिलेख क्या है इसके बारे में जानकारी दी है व अभिलेख का उपयोग किसलिए किया जाता था इसके बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें और इससे जुड़ा अन्य सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेंट कर के बता सकते है.

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